बीती 7 अप्रैल को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने ईरान के साथ ‘प्रत्यक्ष वार्ता’ की घोषणा की. इस दौरान इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू भी मौजूद थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीते सोमवार को ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से कहा कि ओमान में होने वाली बैठक ‘बहुत अहम’ है.
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर वार्ता सफल नहीं हुई तो यह ‘ईरान के लिए बहुत बुरा’ होगा. इससे पहले ट्रंप ने ईरान पर बमबारी की भी धमकी दी थी.
अमेरिका और इसराइल दोनों ही नहीं चाहते कि ईरान के पास परमाणु हथियार आए.
जैसा कि व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, “चाहे कुछ भी हो जाए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ईरान के पास परमाणु हथियार न हों.”
यह पूछे जाने पर कि क्या यह समझौता 2015 के समझौते के समान होगा, ट्रंप ने कहा, “यह अलग होगा, और शायद बहुत मज़बूत होगा.”